हाइलाइट्स
डीप जिसका मतलब है कि गहराई और दूसरा फेक यानी नकली..
यह किसी चीज को गहराई से समझने अथवा पढ़ने के लिए इस्तेमाल होता है.
इस तकनीक में एक तो इनकोडर होता है और दूसरा डिकोडर.
नई दिल्ली. हाल में रश्मिका मंदाना का एक वीडियो वायरल होने के बाद डीपफेक कंटेंट पर काफी चर्चा शुरू हो गई है. सोशल मीडिया और गूगल पर लोग तलाशने भी शुरू कर दिए कि आखिर डीपफेक कंटेंट या वीडियो कैसे बनाए जाएं. इस बारे में आज हम आपको पूरी जानकारी देते हैं कि आखिर किसी वीडियो का डीपफेक कंटेंट कैसे तैयार किया जाता है. लेकिन, बेहतर होगा कि इस तरह का वीडियो आप न बनाएं जो आपके हित में रहेगा. सरकार ने हाल में ही ऐसे वीडियो वायरल पर 3 साल जेल और 1 लाख जुर्माने का प्रावधान किया है.
दरअसल, डीपफेक वीडियो बनाने वाले तमाम ऐप और वेबसाइट गूगल पर मौजूद हैं. इसमें जो तकनीक काम करती है वह पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर निर्भर करती है. डीपफेक दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला डीप जिसका मतलब है कि गहराई और दूसरा फेक यानी नकली. डीप शब्द भी दरअसल डीप लर्निंग टर्म से लिया गया है, जो किसी चीज को गहराई से समझने अथवा पढ़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. डीप लर्निंग को डीपफेक में बदलने का मतलब है कि किसी कंटेंट को इस तरह समझकर या पढ़कर उसका नकली कंटेंट या वीडियो बनाया जाए, जो देखने-सुनने में बिलकुल असली जैसा ही लगे.
How much technology is being misused, stop defaming Rashmika Mandanna #deepfake #RashmikaMandanna pic.twitter.com/kzZfWJqCnQ
— Radhika Chaudhary (@Radhika8057) November 6, 2023
कैसे काम करती है डीपफेक वीडियो तकनीक
तकनीक के जानकारों का कहना है कि डीपफेक वीडियो बनाने के लिए एआई की जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, उसमें एक तो इनकोडर होता है और दूसरा डिकोडर. मसलन, इनकोडर किसी वीडियो या इमेज को देखकर हूबहू उसकी नकल तैयार करता है और डिकोडर को उसकी जांच के लिए भेजता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक पूरी तरह असली लगने वाला वीडियो तैयार नहीं हो जाता. साथ ही यह प्रक्रिया एक चेन के रूप में चलती है जिसे जेनरेटिव एडवरसेरियल नेटवर्क (GAN) कहते हैं. जब डिकोडर यह बता देता है कि बनाया गया वीडियो पूरी तरह असली दिख रहा तो उसे वायरल कर दिया जाता है.
Another Deepfake Video of #RashmikaMandanna appears on instagram #deepfake pic.twitter.com/VNOyWBvbnS
— Yogendra Vishwakarma (@yogendrarkl) November 9, 2023
आसान है डीपफेक वीडियो बनाना
ऐसा नहीं है कि डीपफेक वीडियो या कंटेंट रश्मिका मंदाना के बाद ही वायरल होना शुरू हुआ है, बल्कि साल 2017 के बाद से ही इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था. इसके लिए कुछ इमेज या वीडियो को डीपफेक कंटेंट बनाने वाले ऐप में डाला जाता है और वह बिलकुल असली लगने वाला नया कंटेंट तैयार कर देता है. इसमें आप किसी वीडियो पर अपनी तस्वीर लगा सकते हैं या किसी वीडियो पर किसी सेलिब्रिटी की तस्वीर अथवा आवाज लगाकर कंटेंट तैयार कर सकते हैं.
Can’t wait to watch this towel fight scene #KatrinaKaif #deepfake #RaashiiKhanna #DishaPatani #RashmikaMandanna #Tiger3 #5DaysToTiger3 pic.twitter.com/dlvdDZYDSb
— Katrina Kaif (@KatrinaKaif4939) November 7, 2023
- 5 स्टेप में तैयार हो जाएगा वीडियो
- सबसे पहले आप एक अच्छी क्वालिटी देने वाला सॉफ्टवेयर तलाश कीजिए जैसे Deepswap, Deepfakes Web, Jiggy, the DeepFace Lab और the Zao Deepfake app जैसे तमाम प्लेटफॉर्म हैं, जहां आप अपना किसी अन्य का डीपफेक वीडियो तैयार कर सकते हैं.
- अब उस व्यक्ति या सेलिब्रिटी की तस्वीर वीडियो डालिए जिसका डीपफेक वीडियो बनाना चाहते हैं. इसके लिए आप स्क्रीनशॉट या कैसी भी तस्वीर अथवा वीडियो का इस्मेमाल कर सकते हैं.
- फिर अपनी तस्वीर अथवा आवाज को उस सॉफ्टवेयर में डालिए जहां इनकोडर-डिकोडर तकनीक इसे चुनी गई सेलिब्रिटी के साथ बदल देगी.
- इस वीडियो में आवाज ओरिजनल होने के बजाए आप जिसकी भी चाहें डाल सकते हैं. वॉयस क्लोनिंग सॉफ्टवेयर आपके वीडियो पर किसी की भी आवाज लगा देगा, भले वह कुछ भी बोल रहा हो. इसमें आवाज बदलने के साथ लिप स्पीकिंग भी हूबहू दिखेगा. इसके लिए सॉफ्टवेयर को बस आवाज का सैंपल देना होता है.
- सॉफ्टवेयर पर ये सारी चीजें डालने के बाद आपको थोड़ी ही देर में एक डीपफेक कंटेंट वीडियो मिल जाएगा.ये भी पढ़ें – रुलाएगा पेट्रोल! इंटरनेशनल एजेंसी की चेतावनी, झुलसाएगी इजरायल-हमास युद्ध की आंच? खाना-पीना हो सकता है महंगा
सरकार सख्त, फंस गए तो…
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डीपफेक कंटेंट को लेकर सख्त रुख अपनाया है. मंत्रालय ने साफ कहा है कि अगर किसी को ऐसा कंटेंट बनाने और वायरल करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी जैसी धाराओं का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा सेक्शन 66डी में प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में दोषी पाये जाने पर 3 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 15:14 IST